
देश मे चुनाव का समय है। केन्द्र मे हर व्यक्ति अपनी पसंद की सरकार देखने की इच्छा रखता है। ये अलग बात है कि मतदान का प्रतिशत यही दर्शाता है कि इस साल भी लोगों ने अपनी इच्छाओं का गला घोंटने की जिद पकड़ी हुई है।
ये गठबंधन राजनीति का दौर चल रहा है। और हमारे कुछ दलों के नेताओं ने जनता को ऐसा बेवकूफ बना रखा है कि पूछो मत। जनता को अगर पूछा जाए , अजी जनता को छोडिये इन नेताओं से ही अगर पूछा जाए कि चुनाव जीतने के बाद आप का दल किसे अपना समर्थन देगा तो सर खुजाते खुजाते नेताजी के बाल गिरने लगेंगे। उत्तर प्रदेश का तो हिसाब साफ़ साफ़ है। सपा और बसपा मे से एक दल जिसे समर्थन देगा, दूसरा दल उसके विरोधी को समर्थन देगा। सपा तो इतना नीचे गिर चुकी है कि उसने साफ़ साफ़ कहा है कि जो भी सरकार उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार को बर्खास्त करेगी, ये उसका समर्थन करेंगे. वाम दलों का भी हिसाब साफ़ है, उन्हें भी केन्द्र मे एक गैर-कांग्रेसी और गैर-भाजपा सरकार का निर्माण करना है। पर जैसे जैसे चुनाव संपन्न होते जा रहे हैं, उनकी असलियत सामने आती जा रही है। अब उन्होंने कांग्रेस की तरफ़ झुकना शुरू कर दिया है। डर है कि कहीं झुकते-झुकते गिर न जाएँ। लालू प्रसाद, राम विलास पासवान और मुलायम सिंह एक साथ मंच पर खड़े होकर कांग्रेस को गालियाँ देते हैं। फिर मंच से उतरकर कहते हैं कि कांग्रेस को ही समर्थन देंगे। भोले भाले नागरिक का तो दिमाग ही घूम जाए ऐसी बातें सुनकर। उत्तर प्रदेश और बिहार मे उन्ही के ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं और कहते हैं कि इन्ही की सरकार बनाने के लिए लड़ रहे हैं।
भाजपा को तो एक बार फिर से धोखा मिला है उडीसा मे नवीन पटनायक से। दीगर बात ये है कि जब जब भाजपा ने धोखा खाया है, उसे जनता से समर्थन मिला है। इस बार भी देखते हैं कि ये धोखा उनके लिए मतों मे तब्दील हो पता है या नही। लेकिन इनके यहाँ भी वरुण गांधी सरीखे लोग जुबान पे घी लगा के आते हैं और जुबान फिसल जाती है। राष्ट्रभक्ति दिखाना अच्छी बात है, पर कम से कम बिना बात के काटने - मारने की बातें तो मत करो मेरे भाई। ऊपर से बहनजी ने भी अपने कदम कुछ ज्यादा ही हद तक बढ़ा दिए और उन पर रासुका लगा दी। बाद मे अदालत मे सर नीचा करना पड़ा।
खैर अभी तो चुनावी महासमर निपट चुका है और अब बारी है इंतज़ार की। इंतज़ार उस घड़ी का जिस वक्त यह पता चलेगा कि दौड़ मे बाजी किसके हाथ लगी है। उस घड़ी का, जब ये सभी दल अपना अपना मुखौटा उतार कर उस तरफ़ दौड़ लगायेंगे, जहाँ इन्हे दोनों हाथों मे लड्डू मिलेंगे। उस घड़ी का, जब ये लोग जिनकी ऊँगली पकड़ कर चले हैं, उन्हें झटका देकर आगे निकल जायेंगे।